सफ़ल षङयंत्र - सूरज डूबा अस्ताचल में.
सूरज डूबा अस्ताचल में,
बादलों की जीत हुई है.
वैसे थी यह सायं बेला
दिवस-देव की नियमित क्रीङा
काले मेघ बने विष-राजन
खेल रहे थे दिव्य सूर्य से.
रोक सकें वे दिव्य पथिक को
यह कब संभव है नभ तल में.
सूरज डूबा अस्ताचल में.
बादलों की जीत हुई है.
पवन-देव ईर्ष्या से ग्रसित थे.
पुत्र शनि ने कुटिल चाल की.
मेघों ने मदिरा-जल पीकर
युद्ध भूमि को घेर लिया था.
हार गया वह अंतिम पल में.
सूरज डूबा अस्ताचल में.
बादलों की जीत हुई है.
मुक्ति दिलाने क्रुरतम किरणों से
वचन दिया था सुर-असुरों ने.
करने सरिता सागर की रक्षा
देनी थी दिनकर को शिक्षा
हों जग विजयी आज पराजित
बनीं शक्ति प्रार्थना बल में
सूरज डूबा अस्ताचल में.
बादलों की जीत हुई है.
सारे जग ने मान लिया
षङयंत्र सफ़ल था कायरों का
पर अट्टहास और वज्रपात ने
जग को रौशन न कर पाया.
फ़िर से सूरज बनकर निगला
निशा रात्रि को नभ-जल-थल में.
सूरज डूबा अस्ताचल में.
बादलों की हार हुई है.
2 comments:
फ़िर से सूरज बनकर निगला
निशा रात्रि को नभ-जल-थल में.
सूरज डूबा अस्ताचल में.
बादलों की हार हुई है.
Bahuthi sundar!
gelchouda hai tu jab ata NAHA TO KYUN MARWA RAHA HAI
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