Monday, August 30, 2010

चांद बहुत भूखा लगता है

आज है खाली नभ का आंगन
चांद बहुत भूखा लगता है.

आज फ़ूस की छत से छनकर
काला धुआं नहीं निकला है.
आज नहीं है चमकी आंखें
घर का चुल्हा नहीं जला है.
वे लेट गये हैं पानी पीकर
फ़िर क्यों चेहरा सूखा लगता है.
आज है खाली नभ का आंगन
चांद बहुत भूखा लगता है.

उसकी मां भी गले लगाकर
आज बहुत रोयी होगी.
आज भी गायी होगी लोरी
पर वह नहीं सोयी होगी.
घने बादल, शीतल पुरवाई
क्यों इतना रूखा लगता है
आज है खाली नभ का आंगन
चांद बहुत भूखा लगता है.

Friday, August 27, 2010

काम और मृत्यु

तुम्हारे कामुक वक्षों को
मेरे कर्मठ हाथों ने
कभी श्पर्ष नहीं किया.
न ही मदहोश कर देनेवाली
तुम्हारी होठ
मेरे जीवन-प्रवाह को
चूम सकी.
तुम्हारा यौवन
मेरे निकट आकर भी
मेरे पुरुषार्थ को
भोग न सका.
क्योंकि
जीवन का प्रति-पल
सुखद संभोग की तरह
खुशियों से भरा था.
फ़िर उसी जीवन के लिये
बांध लो मेरे जिस्म को
अपनी वफ़ादार बांहों से
क्षण भर के लिये
रोक दो मेरी सांसें
मेरे साथ लेट जाओ
नंगी जमीन पर
मेरे साथ संभोग कर
मुझे निष्काम कर दो.
....
....
मृत्यु,
मेरा आलिंगन करो.

Wednesday, August 25, 2010

अपने देश का कानून तो महान है

अपने देश का कानून तो महान है
पर कलमुंही व्यवस्था ही बेईमान है.

खाकीवाले रक्षा की कसम खाते हैं
मौका मिलते ही लूटकर ले जाते हैं
भोली - जनता बहुत ही नादान है.
अपने देश का कानून तो महान है

चुनाव में भी वे लाखो वोट पाते हैं
बैठे-बैठे तिगुना वेतन खा जाते है
उनकी जेब में घोटालों की खान है
अपने देश का कानून तो महान है

खुलकर निर्दोषों को फ़ांसी चढाते है
पैसेवाले गुंडों को जमानत दिलाते है
अदालत भी अब पाप का वरदान है
अपने देश का कानून तो महान है

गद्दार देश के तीन स्तंभ चलाते हैं
मीडिया को वे ईशारों पर नचाते है
अब चौथा स्तंभ बन गया शैतान है
अपने देश का कानून तो महान है

Monday, August 23, 2010

अब तो उल्लू बैठ गया है पेंङ की हर डाल मियां

मुझसे ना पूछो कामन वेल्थ गेम का हाल मियां
अब तो उल्लू बैठ गया है पेंङ की हर डाल मियां

नेताजी तो अपना झोली भरकर ही भाषण देते हैं
साथ में अब अधिकारी भी चूस रहे हैं माल मियां

कभी नहीं भर पायेंगे दिल्ली की सङकों का गड्ढा
शीला दीदी ने मन में फ़हमी लिया है पाल मियां

खच्चरों, गदहों से ढुलवायी जा रही सिमेंट की बोरी
सियार इतने शातिर हैं कि लगने न देते गाल मियां

स्वीमिंग पूल की जगह बनी हुई है झील बरसाती
प्रेक्टिस करनेवालों का हो गया है चेहरा लाल मियां

अंदर से यह महाघोटाला उपर से आतंक का खतरा
आजाद हो चुके राष्ट्रकुल अब जान रहे हैं चाल मियां

खेल खेल में खेल हो रहा खेल का यह गजब खेल
लूटो जिसको जितना चाहो बांका न होगा बाल मियां

Wednesday, August 11, 2010

प्रणय आवेदन

प्रणय आवेदन

सेवा में
सौन्दर्य समृद्धि के स्वामिनी
प्रेमलोक
द्वारा
मित्रसेतु
महोदया
परिचयहीन स्नेही
अयोग्य होते हुए भी
प्रतिवेदन के अनुसार
असफ़ल स्नेहियों में
सर्वश्रष्ठता के आधार पर
क्षण भर के लिये
दृष्टिपात कर
धन्य करने की
याचना करता है.
आपका विश्वासी
प्रेम.

Monday, August 9, 2010

व्यंग्य------- वक्रतुण्ड

आज सबेरे नहा धोकर पूजा किया--"वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभा निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्व कार्येशु सर्वदा". तब मुझे पता नहीं था कि वत्रतुण्ड मेरे आज का दिन बिगाङने वाले हैं.अब तक चलो यदि बाधाएं दूर नहीं करते थे तो कम से कम बिगाङते भी नहीं थे. आज रविवार था और रविवार तो सप्ताह भर के तपस्या का फ़ल होता है. इस एक दिन कुछ समय के लिये मेरे घर के टीवी का रिमोट मेरे हाथ में हुआ करता है.मैं रिमोट लेकर बैठा और टीवी ओन कर दिया.
न्यूज आ रहा था---" आज बिलासपुर शहर के बारा खोली क्षेत्र में काफ़ी दिनों से बिमार चल रहे हाथी ने अंतिम सांस ली. मैंने चेन्ज करना चाहा.
"रुको....क्यों बदल रहे हो ?."--श्रीमतीजी ने मना किया.
"ये भी कोई न्यूज है. कोई बङी खबर देखते हैं."
"इससे बद्गकर न्यूज क्या होगा कि साक्षात गणेशजी मृत्यु लोक आकर अपना प्राणोत्सर्ग कर गये."
"अच्छा तो वे गणेशजी थे?"--मेरा यह प्रश्न श्रीमतीजी को बिल्कुल अच्छा नहीं लगा.
" मानो तो देव नहीं तो पत्थर. तुम तो ये सब नहीं मानते हो इसलिये गणेशजी कभी सहाय नहीं होते.....लेकिन मैं कुछ नहीं सुनुंगी बस आज यही न्यूज चलेगा. ये गणेशजी के लिये हमारी श्रद्धांजलि होगी.."
" डार्लिंग. भारत श्रीलंका का क्रिकेट टेस्ट मैच चल रहा है. मुझे मैच देखने दो."
" क्रिकेट मैच क्या देखोगे...क्रिकेट का तो ये हाल है कि युवराज सिंह जैसे होनहार महान क्रिकेटर से ग्राउंड पर पानी मंगाकर पीते हैं सारे खिलाङी. मैंने तो कसम खा ली है जबतक मेरा युवराज वापस नहीं आयेगा मैं मैच नहीं देखुंगी"---श्रीमतीजी ने सीधा जवाब दे दिया.
" अब तो वो लाख रिवाइटल खा ले धोनी उसे बाईक पे बिठानेवाला नहीं है."
" जो भी हो..जब तक युवराज वापस नहीं होगा मेरे घर में क्रिकेट नहीं चलेगा."
" चलो ठीक है क्रिकेट नहीं पाकिस्तान के बाढ का न्यूज देखता हूं. सुना है लाखो लोग बेघर हो गये हैं."
" पहले तो कहते थे पाकिस्तानी आतंकवादी हैं. फ़िर ये हमदर्दी कबसे होने लगी?"----श्रीमती जी का प्रश्न उचित था.
"बाढ से बर्बाद हुए लोगों से मुझे हमदर्दी है चाहे वे भारत के हों या पाकिस्तान के"---मैंने भी मंजे हुए डिप्लोमेट की तरह उत्तर दिया.
" रहने दो वहां का बाढ भी वैसा ही होगा जैसा हमारे देश में होता है. जितनी तेजी से पानी बहकर चला जाता है उतनी ही तेजी से हमदर्दी और मुआवजा भी...कहां जाता है पता नहीं...बाढ का पानी और पैसा".
मैंने सोचा थोङा सा तेल लगाना अच्छा रहेगा नहीं तो आज ये काली माता मुझे गणेशजी के सिवा कुछ भी नहीं देखने देगी.
मैंने कहा---" वैसे तुम्हारा कहना बिल्कुल सही है. तुम्हारे सोच की मैं दाद देता हूं. वाह..." श्रीमतीजी मुस्कुराने लगी.मुझे एक तरह से कन्फ़र्म कर रही थी कि अब जो भी कहुंगा मान लेगी. मैने भी सोचा कि मौका देखकर अब मुझे चौका मार ही देना चाहिये.---""लोकसभा में मंहगाई पर चर्चा होनेवाली है...यही न्यूज..."
" मत करो चर्चा मंहगाई कि. लोग आजकल उसे डायन कहने लगे हैं. अब ये डायन लोक सभा में भी पहुंच गयी है तभी तो जब इसपर चर्चा होती है तांत्रिक-मंत्री लोग वहां से हट जाते हैं....मेरे घर मे डायन जोगिन की चर्चा नहीं होगी"
"स्वीटहर्ट ये वो डायन नहीं है जो तुम समझ रही हो."
"तुम नहीं समझ रहे हो ये वही डायन है. जो लोग झाङ-फ़ूक टोटका करते हैं वे इससे बच जाते हैं बांकी लोगों का तो ये डायन कलेजा ही निकाल लेती है."......श्रीमतीजी भी अपने जिद से थोङा भी पीछे हटने के लिये तैयार नहीं थी.इधर लोकल न्यूज चैनल पर मरे हुए हाथी को लोग नारियल चढा रहे थे
" ठीक है फ़िल्म कान्यूज देखते हैं..?..."
"फ़िल्म का न्यूज क्या देखोगे...मुझसे पूछो...कैटरीना ने भी सलमान से शादी के लिय हां बोल दिया है"
" उसके भी बुरे दिन आ गये हैं जो बुड्ढे से शादी कर रही है"
"ऐसा मत कहो. सलमान को कौन बुड्ढा कहेगा...वो तो अभी भी कुंवारा है."
"सलमान कुंवारा है.....????. कौन नहीं जानता है बहुत ऐश किये हैं उसने. कैटरीना को किसी जेन्टलमैन से शादी करना चाहिये जो कभी किसी बेचारी हिरण का शिकार न करे, कभी गरीबों को फ़ुटपाठ पर ना कुचले और विवेक जैसे किसी विवेकशील प्राणी को भयभीत न करे.."...मेरे पास मुद्दा तो और भी था लेकिन यह ध्यान रखना जरुरी था कि श्रीमतीजी सलमान खान के बहुत बङ फ़ैन हैं.अब कोमन्वेल्थ गेम ही बचा था.
" प्रिये...कोमन्वेल्थ गेम एक दो महिने मे होनेवाला है..."
" तो उसमे देखनेवाली बात क्या है. उसका तो नाम ही कोमन्वेल्थ गेम है.अपने देश के वेल्थ को कुछ लोग कोमन कर रहे हैं. इससे हमारा कौन सा वेल्थ बढनेवाला है. अभी प्रीकोमन्वेल्थ गेम फ़िर कोमन्वेल्थ गेम और उसके बाद पोस्ट कोमन्वेल्थ गेम . इतना सारा गेम तो कोई बेवकूफ़ ही देखना चाहेगा....."-----श्रीमतीजी मरे हुए हाथी को हाथ जोङते हुए भाषण जारी रखा----" हे गणेशजी मेरे पति को सुबद्धि देना. बेवकूफ़ी के कारण उन्होनें तुम्हारा जो अपमान किया उसके लिये उनहें अबोध समझक्र माफ़ कर देना.उनकी रक्षा करना."
मैंने झट से कहा---" जब खुद की रक्षा नहीं कर पाये तो.....".
अब अंतिम संस्कार के लिये हाथी को ट्रक पर डाला जा रहा था. श्रीमतीजी ने बताया कि लोगों ने फ़ैसला किया है कि रेलवे से भूमि लेकर हाथी का अंतिम संस्कार किया जायेगा और वहां पर गणेशजी का एक भव्य मंदिर बनाया जायेगा.इसके लिये लाखो लोगों ने दान दिया है.

चैनल लगातार यह न्यूज दिखा रही थी जिसे मेरी श्रीमतीजी पाण कर रही थी. मेरा ध्यान वक्रतुण्ड पर केन्द्रित हो गया था. कभी बाल गंगाधर तिलक ने आजादी की लङाई के लिये गणेशोत्सव की शुरुआत की थी. आज किसी बंदर के मरने पर हनुमान मंदिर और हाथी के मरने पर गणेश मंदिर आम बात हो गयी है. बीच बीच में गणेशजी दूध भी पी लिया करते हैं....ये हाल है हमारी आस्था का. आस्था और अंधविश्वास के बीच की गहरी रेखा मिट चुकी है.

Thursday, August 5, 2010

प्रतिशोध

"काट डाल उसको.....सब्जी के माफ़िक काट डाल"---अन्ना भाई से फ़ोन पर बात कर रहा था----"साला हमारे धंधे में टाग अङाता है....क्या बोलता था हमारे अड्डे में आग लगायेगा...अच्छा...ऐसा कर उसके घर में आग लगा उसपे बरतन पिन्हा और उसमें तेल को उबाल.....साला हरामी कहींके.......बोल्ता है हिंसा नहीं होने देगा....अब उसकी धुलाइ कर और तेल में टुकङे-टुकङे कर के डाल दे..........उछलेगा....उछलेगा जानता हूं......मसाला डालकर उसे ढक दे.....अब देख जितना उछलेगा आग और तेल में उतना ही पकेगा.....साला खूब उछलता था......और सुन बाहर के लोग कुछ बोले तो नमक-मिर्च लगाकर उसको भी डाल दे उसी में......साला डिश बन जायेगा....."तभी बीच में कुक ने टोका....."साहेब खाना बन चुका है लगा दूं ?" अन्ना ने सिर हिला दिया.----"आज तो लाजवाब डिश बनाया है रे....कहां से सीखा...?
कुक ने कहा---"आज तो साहेब आपके कहे मुताबिक ही बनाया है.मैं रसोई से आपकी बात सुन रहा था.मेरे बेटे के बारे मे बात हो रही थी इसलिये मेरा तो दिमाग ही काम नहीं कर रहा था...बस हाथ आपकी जुबान के आर्डर पर काम कर रहे थे डिश तैयार हो गया. आज मेरे घर में भी ऐसा ही डिश बना होगा". अन्ना बङे चाव से खाना खाने लगा फ़िर अचानक वह पत्थर सा हो गया जब देखा कि उसका पांच साल का बेटा घर से गायब था.

नैतिक शिक्षा--प्रतिशोध का परिणाम बहुत बुरा होता है, इससे किसी की भलाई नहीं होती.विपरीत परिस्थितियों के लिये समय को दोषी मानकर शोध करना चाहिये प्रतिशोध नहीं.प्रतिशोध का डिश बार बार नहीं पका सकते....पर प्रक्रिया निरन्तर रहती है.

Monday, August 2, 2010

बाढ की आशा

"हल्लो...नमस्ते बाबूजी."
"हां बेटा, कईसे हो?"
"बहुत बढियां बाबूजी."
"नोकरिया मिली ?"
"नहीं बाबूजी, पर चिन्ता के कोनो बात नाहीं. इस बार हम पूरा तैयारी में है.अतना पैसा कमायेंगे कि कोनो जरुरते नहीं रहेगी."
"वाह,...कैसे बेटा?"
"अरे बाबूजी बिहार में बाढ आनेवाली है न.इस बार बाढ एक सप्ताह लेट आ रहा है लेकिन पिछले साल जैसा ही होगा."
"बाढ आनेवाली है..?"
"लो उ तो हर साल आता है. दस कोठलीवाला जो मकान बनाये थे उसमे पहले से क्रेक डलवा दिया है. टी भी वाले को भी बता के रखा हूं.मंत्रीजी को पहले से तैयार कर दिया है. इस बार गरीब लोगों के लिये बहुत पईसा मिलेगा."
"तो उ पैसा तुमको कैसे मिलेगा"
"बाबूजी सरकार गरीबॊं के लिये पैसा देती है लेकिन गरीब सब तो दहा जाता है आ उनका झोपङिया तो पानी मे इधर से उधर हो जाता है. उसका कोनो प्रुफ़े नहीं बचता है. अंत में हमलोग अपने घर के मरम्मत के लिये पईसा रख लेते हैं. ."
"ठीक है लेकिन गरीब लोगन के लिये घर बनवा देना."
"बाबूजी गरीब के घर बनवाइयो देन्गे तभियो अगला साल त दहाइये जायेगा. भगवान एतना अन्याय थोङे ही करेगा कि अगिला साल बाढ नहीं आयेगा."