अपने देश का कानून तो महान है
पर कलमुंही व्यवस्था ही बेईमान है.
खाकीवाले रक्षा की कसम खाते हैं
मौका मिलते ही लूटकर ले जाते हैं
भोली - जनता बहुत ही नादान है.
अपने देश का कानून तो महान है
चुनाव में भी वे लाखो वोट पाते हैं
बैठे-बैठे तिगुना वेतन खा जाते है
उनकी जेब में घोटालों की खान है
अपने देश का कानून तो महान है
खुलकर निर्दोषों को फ़ांसी चढाते है
पैसेवाले गुंडों को जमानत दिलाते है
अदालत भी अब पाप का वरदान है
अपने देश का कानून तो महान है
गद्दार देश के तीन स्तंभ चलाते हैं
मीडिया को वे ईशारों पर नचाते है
अब चौथा स्तंभ बन गया शैतान है
अपने देश का कानून तो महान है
12 comments:
भईया क्या कहूं, सबकुछ तो बयां कर दिया आपने ।
सटीक रचना ...
Jo bhi ho,neta hon yaa khaaki wardiwale,hain to isi deshke maa bahnon kee aulad! Kya inhen apne pariwarse koyi sanskar nahi mile? Aisa to nahi ki,wardi pahante hee ye log achhe sanskar bhool jate hain. Sach to ye hai,ki,hamare pariwaron me achhe nagrikatv ya Bhartiyatv ke sanskar diye hee nahee jate.
bhaayi kraanti dut ji kyaa bat he kraanti kaa iraadaa he kyaa shaayd isiliyen itna stik or sch likhaa he bhut khuib hr gli hr mohlle ki yhi khaani he fir bhi mera desh mhan he yaaron, akhtar khan akela kota rajsthan
bAHUT bADHIYA ARVIND JI , KEEP IT UP !
सौ में से अस्सी बेईमान फिर भी मेरा भारत महान ! जय हिंद !
सबकुछ तो बयां कर दिया आपने ।
... bahut khoob.... laajawaab !!!
अपना देश महान है
कानून में भी जान है
लोगों में अभी भी बचा ईमान है.
यदि ऐसा न होता तो अधिक लोग बुरे को बुरा और अच्छे का अच्छा कैसे कहते!
जो बुरे हैं उन्हें सुधारना अपना ही तो काम है.
..सार्थक कविता के लिए बधाई.
आपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया! आपके कहने के मुताबिक मैंने सही कर दिया है! अपना सुझाव इसी तरह देते रहिएगा!
बहुत सुन्दर और लाजवाब रचना लिखा है आपने! बधाई!
अपने देश का कानून तो महान है
इसे बचाने वाला केवल भगवान है
वाकई देश का कानून तो महान है,पर रक्षक ही भक्षक हो तो कानून भी क्या करे !
सार पूर्ण कविता देने के लिये आपको बधाई !
Post a Comment