Sunday, November 15, 2009

अभिव्यक्ति

उनकी हल्की बातें
उडान भरती है,
हवाई पत्तों की तरह.
तेज हवा के झोकों से
दोस्ती कर
चूम लेती है,
महलों की ऊंची दीवारों को.
टकराकर चिपक जाती है,
गगनचुंबी स्तंभों से.
लांघ जाती है,
मदमस्त चौडी नदियों को.
जमीन पर भी
दौडती है,
तेज रफ़्तार काफ़िलों के साथ.

लेकिन,
हमारी बातों मे वजन होता है.
डूब जाती है,
पत्थरों की तरह
किसी गहरे तालाब मे फ़ेंकने पर.
अब वह जमीन का हिस्सा नहीं होता.
वह दिखता नहीं.
वर्षों बाद उसमे काई लग जाती है.
स्वरुप बदल जाता है.
रंग बदल जाता है.
स्तित्व अर्थ नहीं रखता.
ऎसी अभिव्यक्ति का क्या अर्थ?

Monday, November 2, 2009

चाचा की चिट्ठी

दिनांक 14.11.2009
मेरे प्यारे बच्चों

आज तुम सभी बाल-दिवस के रुप मे मेरा जन्मदिन मना रहे हो-यह मेरे लिये खुशी की बात है।बच्चे जो राष्ट्र के भविष्य होते है-आज वर्तमान बनकर भारत के निर्माण मे अपना योगदान दे रहे है.इससे बढकर खुशी की बात क्या हो सकती है.जैसा मैने सोचा था वैसे ही तुमने विकास की रेखा को स्वर्णिम भविष्य की ओर उन्मुख कर दिया.मेरे सपनो को तुम सबने बहुत हद तक साकार किया है.मेरी ओर से सभी उपलब्धियों के लिये हार्दिक बधायी और शुभकामनायें.

भारत के लाखों-करोडो सपूतों ने स्वतंत्रता के लिये संघर्ष किया था।वस्तुतः यह कार्य समुद्र-मंथन की तरह कठिन था जिसका सुखद परिणाम विश्व के सबसे बडे प्रजातंत्र के रुप मे भारत का जन्म हुआ. मुझे खुशी है कि तुमलोगों ने देश की एकता, अखंडता और हमारी सांस्कृतिक विरासतों को अक्षुण्ण रखा. वस्तुतः भारत एक राष्ट्र और एक भूखंड मात्र नही है.यह एक विचार है जो प्रगतिशील होते हुए भी सत्य और अहिंसा के पथ पर चलता है.भारत एक लक्ष्य है जो एक अरब लोगों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है.भारत एक धर्म है जहां सभी मजहबों के लोग पारस्परिक सहिष्णुता रखते हुए अपनी कर्मठता से देशभक्ति की छाप छोडते है.आज हम जो कुछ भी है वह हमारी इसी सोच का सार्थक परिणाम है. भारतीय होना निश्चय ही गर्व का विषय है और मैं आशा करता हूं कि भारत का प्रत्येक नागरिक भविष्य मे भी भारतीय होने का गर्व करते रहेंगे.

मेरे पत्र लिखने का उद्देश्य न ही अपने राष्ट्र का गुणगान करना है और ना ही मेरे और जिन्ना के विचार धाराओं पर प्रकाश डालना है।मेरी कुछ चिंताऎं है.जहां चुनौतियां होती हैं वहां चिंताओं का होना स्वाभाविक ही है. बाधायें तभी आती है जब रास्ते पर आगे बढने की बात आती है. यदि तुम सबकुछ छोडकर सो गये होते तो निश्चय ही इतनी सारी बाधायें और चुनौतियां नहीं आती. मुझे खुशी है कि तुम सोये नहीं बल्कि प्रगति पथ पर अग्रसर रहे. गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी की समस्या आज भी देश मे बरकरार है. उन दिनों की अपेक्षा आज इन समस्याओं का कद काफ़ी छोटा हो गया है,लेकिन मेरे सपनों का भारत एक ऐसा राष्ट्र है जहां इन समस्याओं का कोई स्तित्व न हो.तुम लोगों का इन समस्याओं से निदान पाने का प्रयास प्रशंसनीय है. पहले हैजा और चेचक जैसी महामारी फ़ैल जाया करती थी और देखते ही देखते लाखों लोग काल के गाल मे नष्ट हो जाया करते थे. यह खुशी का विषय है कि इन समस्याओं से हमारा देश अब मुक्त हो चुका है.फ़िर भी एड्स एवं अन्य संक्रामक रोगों से निजात पाना आवश्यक है और इनके रोकथाम हेतु तुम लोगों के प्रयास की मैं सराहना करता हूं.

एक ऐसी भी चुनौती है जो भीतर ही भीतर हमारी व्यवस्था को खोखला किये जा रही है।मुझे दुख इस बात की है कि तुमलोग उस चुनौती का सामना करने के बजाय उसे सह दे रहे हो.यह चुनौती है भ्रष्टाचार को रोकना.पहले भी कुछ हद तक भ्रष्टाचार व्याप्त था, लेकिन आज स्थिति शर्मनाक हो चुकी है.आज तो न्याय मंदिर से लेकर मंत्रालयों तक भ्रष्टाचार जडे जमा चुकी है. जबकी सुविधायें बढी है, प्रति व्यक्ति आय कई गुणा बढ चुका है.सूचना प्रोद्योगिकी जैसे ब्रह्मास्त्र का कुशल प्रयोग कर भ्रष्टाचार को निर्मूल किया जा सकता है.मैं देखता हूं तुमलोग अन्य कार्य के लिये सूचना प्रोद्योगिकी का प्रयोग करते हो लेकिन वहां सूचना प्रोद्योगिकी का प्रयोग नहीं हो रहा है जहां भ्रष्टाचार होता है.

आज आतंकवाद और नक्सलवाद दो अहम समानान्तर समस्याएं आ खडी हुई है। धार्मिक कट्टरता ने आतंकवाद को पैदा किया है और पुलिसतंत्र एवं न्याय-व्यवस्था की अकर्मन्यता ने नक्सल्वाद को जन्म दिया है. यदि इनके मूलों को नष्ट किया जाये तो इन समस्याओं से निजात पाया जा सकता है. हिंसा का जबाब हिंसा से देकर आतंकी और नक्सली को मारा जा सकता है आतंकवाद और नक्सलवाद को नष्ट नहीं किया जा सकता.

मैं यह चाहता हूं कि तुमलोग इन समस्याओं पर विचार करो और ईमानदारी और निष्ठा से निदान की ओर आगे बढो। यह जान लो कि राष्ट्रभक्ति ही सर्वस्व है. एकमात्र यही गुण सभी समाजिक एवं राष्ट्रीय समस्याओं पर भारी पडेगा और तुम्हे जीत दिलायेगा. जय हिन्द जय भारत.

तुम्हारा चाचा
जवाहर लाल.