Wednesday, September 1, 2010

कृष्ण--क्यों जनम लेते हो तुम (व्यंग्य)

कृष्ण--क्यों जनम लेते हो तुम (व्यंग्य)

अब कौन सी देवकी इतना रिश्क लेकर तुम्हे जनम देगी ? जिस मां लक्ष्मी से तुम्हें जन्म के साथ ही एक्सचेंज किया गया था उसे भ्रुण में ही मार नहीं दिया गया होगा..?. अब तो गायों के चारे लोग खुलकर खाने लगे हैं. क्या खिलाओगे अपनी गैया को ? राधा जैसी हजारो गोपियों के साथ जात और उम्र की परवाह किये बगैर इश्क करने पर चौराहे पर टांगकर जिंदा नहीं जला दिये जाओगे?. आज की औरतें जो फ़िगर के लिये अपने बच्चों को भी अपना दूध नहीं पिलाती , मक्खन चोरी करने पर तुम्हारा फ़िगर नहीं बिगार देंगी....? उपर से मक्खन आइ एस ओ सर्टिफ़ाइड तो होगा नहीं.मिलावट भी हो सकती है...यदि जहरीला निकला तो...? सुदामा जैसे जो छोकङा लोग तुम्हारे साथ गायें चराया करते थे..आज के डेट में चाइल्ड लेबर बने हुए हैं, जो अच्छे घर के थे ईंगलिश स्कूल में पढ रहे हैं. किसके साथ खेलोगे..? तुम्हीं बताओ तुम्हारा एडुकेशन कैसे होगा..? तुम्हारे पापा बसुदेव के पास कोई खजाना तो है नहीं कि लाखो रुपये डोनेशन दे देन्गे..रही बात नन्दराज की तो सुन लो आजकल पूरे भारत में राजा कंस की चलती है.

अब तुम यमुना में नहा भी नहीं सकते. दिल्ली की सङकों का हाल ऐसा है कि द्वारका से यमुना तक जाने में ही दिन से रात हो जायेगी.....पता भी नहीं चलेगा कि यमुना किधर है और गड्ढा किधर..यदि मेट्रो बगैरह से पहुंच भी गये तो काले तो पहले से हो पीले होकर निकलोगे. दिल्ली की पब्लिक ने यमुना का वो हाल कर दिया है. कलर तो मोडिफ़ाइ हो जायेगा लेकिन इतने गंदे हो जाओगे कि मां यशोदा भी गोद नहीं लेगी. आखिर कहां कहां हगीज पहनायेगी.?

रही बात राधा की...तो सुनो आजकल के कै साधु-संत और तुम्हारे भक्त राधाओं के चक्कर में कानुनी धाराओं के साथ बह गये. स्वामी सत्यानन्दवाली हाल हो जायेगी.आखिर जन्म लेने का कुछ परपस तो होगा ? महाभारत करोगे..? कोमनवेल्थ से बढकर कोई महाभारत क्या होगा..? आज्कल अर्जुन भी इतना बीजी रहता है कि टाईम नहीं देगा.युधिष्ठिर सट्टेबाजी में लगा रहता है और भीम को होटलबाजी से फ़ूर्सत नहीं मिलता. बचा नकुल और सहदेव तो इन्हें आज के जमाने में खेल संघों के अधिकारी ग्राउन्ड तक पहुंचने भी नहीं देते.. किसको सुनाओगे अपनी गीता..? तुम्हारी गीता अब कौन सुनता है. अब तो वह अदालतों में लेटी रहती है जिस पर जब जी चाहे दुर्योधन अपनी हाथ फ़ेर आता है.

इसलिये मैं दिल से कह रहा हूं...बेकार जन्म ले रहे हो. इसबार जेल में ही पैदा
होओगे और उसी में सङते रहोगे.....तुम्हें कभी जमानत नहीं मिलेगी. कानून चोरों और छिनालों के प्रति काफ़ी सख्त हो गयी है.यहां गद्दारों, डकैतों और बलात्कारियों को ही जमानत दी जाती है. मैं मानता हूं कि तुम छिनाल नहीण हो लेकिन जहां लङकियों को देखकर सीटी बजाना अपराध है वहां पांवों से ट्रेंगिल बनाकर बांसुरी बजाओगे तो जूते पङेंगे.उपर से बदनामी अलग.

सारी बातें सोच लो. अबकी बार हर आदमी में तुम्हें कंस नजर आयेगा.पर्पस डेफ़ाईन कर लो और किसी अच्छे होस्पीटल मे जन्म लो.मक्खन के बदले..आइस-क्रीम खाओ. पिक्चर-विक्चर देखो और लाइफ़ को एन्जोय करो.......अब किसी धर्म की ग्लानि नहीं होती, धर्म तो कब का मर चुका है.

20 comments:

रश्मि प्रभा... said...

ye bhi sahi hai..... karara vyangya

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

हा हा हा बहुत बढिया व्यंग्य कसा है वर्तमान व्यवस्था पर।

आभार

संजय भास्‍कर said...

बढिया व्यंग्य

संजय भास्‍कर said...

आपको और आपके परिवार को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ

akhilesh pal said...

bahoot khoob

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

हा हा हा.... बहुत बढिया !

Anonymous said...

hahaha... sach me aaj kal to bhagwaan ke liye v risk hai....

समय चक्र said...

बढ़िया प्रस्तुति
जन्माष्टमी पर्व पर हार्दिक शुभकामनाये...
जय श्रीकृष्ण

Udan Tashtari said...

बहुत सटीक!

श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये

कडुवासच said...

... bahut khoob !!!

Urmi said...

आपको एवं आपके परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !
बढिया व्यंग्य !

Akshitaa (Pakhi) said...

बहुत सुन्दर रचना...श्री कृष्ण-जन्माष्टमी पर ढेर सारी बधाइयाँ !!

________________________
'पाखी की दुनिया' में आज आज माख्नन चोर श्री कृष्ण आयेंगें...

रानीविशाल said...

बढिया व्यंग्य...
आपको सपरिवार श्री कृष्णा जन्माष्टमी की शुभकामना ..!!
बड़ा नटखट है रे .........रानीविशाल
जय श्री कृष्णा

निर्मला कपिला said...

उम्दा कटाक्ष। श्री कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी की हार्दिक शुभकामनांए.

Bhavesh (भावेश ) said...

सटीक और करारा व्यंग्य और एक बेहतरीन लेख. क्या खूब लिखा है :
१ "तुम्हारी गीता अब कौन सुनता है. अब तो वह अदालतों में लेटी रहती है जिस पर जब जी चाहे दुर्योधन अपनी हाथ फ़ेर आता है" और
२ "अब किसी धर्म की ग्लानि नहीं होती, धर्म तो कब का मर चुका है"
सब लोगो को जन्माष्टमी पर हार्दिक शुभकामनाये...

Shah Nawaz said...

:-)
श्री कृष्ण जन्माष्ठमी की बहुत-बहुत बधाई, ढेरों शुभकामनाएं!

siddheshwar singh said...

ओह !

अरुणेश मिश्र said...

रचना का कथ्य प्रशंसनीय ।

Arvind K.Pandey said...

A well written post.In fact,I have written a short story on a similar theme but with a difference.Your post makes me remind of the same story written a decade ago.You have given me a reason to post it online on my website.

Arvind K.Pandey

http://indowaves.instablogs.com/

रूप said...

शानदार व्यंग के लिए साधुवाद ! (वैसे यह साधुवाद भी शायद ही सटीक हो ). बहुत सुन्दर लिखा आपने, अब तो कृष्ण शायद ही अपनी कारस्तानियों के लिए पूजे जायं .................