सारी दुनियां से तु प्यारी मैंने सबको जता दिया
प्यार की परिभाषा पूछा नाम तुम्हारा बता दिया.
सागर की लहरों को मैंने हंसते हंसते छका दिया
उसकी ही राहों में मैंने प्यार का शिला लगा दिया.
चांद को बोला दाग छिपा ले तेरी भी कोई सूरत है.
पूछा तेरी महबूब है कैसी ? तेरी मूरत दिखा दिया.
पर्वत के मांथे को मैंने आज जमीं पर झुका दिया
तुझको देख गगन मंडल में अपना मांथा उठा लिया.
पंडितों और मुल्लाओं को मोहब्बत का पाठ पढा दिया
खुदा से जाकर अपना मजहब प्यार है मैंने बता दिया.
सीमा और सरहद को मैंने उसकी ही हद दिखा दिया
प्यार की हर एक सीमा को पल भर में ही मिटा दिया.
मेरे महबूब की जात जो पूछा मैंने तमाचा लगा दिया
तेरे ही हाथों की मेंहदी के रंग को मैंने दिखा दिया.
गरजी थी दुश्मन की तोपें फ़िर भी उनको हरा दिया
तेरे पायल की मीठी खन-खन मैंने उनको सुना दिया.
16 comments:
सादर!
मजाक मजाक में आपने
प्यार करना सिखा दिया
रत्नेश त्रिपाठी
आज मैं कई जगहों से रोमानी कविताएं ही पढ़कर आ रहा हूं. अच्छा लग रहा है। लग रहा है कि चलो साले को एक बार फिर से प्यार किए जा....
फिल्म देखी जाए।
अच्छी रचना है।
...क्या बात है ... क्या स्टाईल है !!!!
...वाह वाह ...वाह वाह ...!!!
बहुत ही अच्छी रचना.
सारी दुनियां से तु प्यारी मैंने सबको जता दिया
प्यार की परिभाषा पूछा नाम तुम्हारा बता दिया.
Bahut Badhiya
bahut hi bhaavbhini rachna.
गरजी थी दुश्मन की तोपें फ़िर भी उनको हरा दिया
तेरे पायल की मीठी खन-खन मैंने उनको सुना दिया.
वाह वाह--क्या बात है
पंडितों और मुल्लाओं को मोहब्बत का पाठ पढा दिया
खुदा से जाकर अपना मजहब प्यार है मैंने बता दिया.ऐ खुदा, ओ ईश्वर, ओ गाड, ओय वाहे गुरु, क्या तूने हम सबके मन मे सचमुच यह घुट्टी पिला दिया?
आईये जानें … सफ़लता का मूल मंत्र।
आचार्य जी
गरजी थी दुश्मन की तोपें फ़िर भी उनको हरा दिया
तेरे पायल की मीठी खन-खन मैंने उनको सुना दिया. सुन्दर अभिव्यक्ति
बहुत सुन्दर और लाजवाब रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
आईये सुनें ... अमृत वाणी ।
आचार्य जी
गरजी थी दुश्मन की तोपें फ़िर भी उनको हरा दिया
तेरे पायल की मीठी खन-खन मैंने उनको सुना दिया.
बहुत ग़ज़ब की रचना है ... मज़ा आ गया ...
चांद को बोला दाग छिपा ले तेरी भी कोई सूरत है.
पूछा तेरी महबूब है कैसी ? तेरी मूरत दिखा दिया.
बहुत ही सुंदर .... एक एक पंक्तियों ने मन को छू लिया ...
आख़िर क्या लिखूँ .....?
itna kuch to aapney likh liya hai...achichi prastuti.
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