Wednesday, October 27, 2010

चांद तुझमें क्या कमी है

आज मैं बताऊंगा चांद तुझमें क्या कमी है
देखता हूं पार तेरे गगन में कितनी जमीं है.

काले बादल हैं मगर सन्नाटा भी पसरी हुई
तू अकेला है उदास , तेरी आंखों में नमी है.

तेरे दामन में लगे जो दाग दिख जाते ही हैं
तू अमावस को छिपा ,पूर्णिमा जैसी रमी है.

देखकर सबकी खुशी तू भी जलती है बहुत
मेरे गम से आंख पथरीली तेरी कब घमी है.

आशिकों की फ़ौज रुककर देखते तुमको सदा
पल-भर भी तेरी चाल अब तक कब थमी है.

13 comments:

संजय भास्‍कर said...

वाह !कितनी अच्छी रचना लिखी है आपने..! बहुत ही पसंद आई

संजय भास्‍कर said...

CHAND TUJHME KYA KAMI HAI.


WAH ARVIND JI...BAHUT KHOOB KYA KEHNE..

BEHTREEN .........LIKHA HAI..

ZEAL said...

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.

काले बादल हैं मगर सन्नाटा भी पसरी हुई
तू अकेला है उदास , तेरी आंखों में नमी है...

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बहुत ख़ूबसूरती और बारीकी से बातें रखीं हैं आपने। इतनी सुन्दर रचना के लिए बधाई।

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Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत खूब अरविन्द जी.

Manish aka Manu Majaal said...

इन दिनों चाँद के खूब चर्चे हो रहे है अलग अलग अंदाज़ में.. ये भी खूब रहा.. लिखते रहिये ...

मेरे भाव said...

आशिकों की फ़ौज रुककर देखते तुमको सदा
पल-भर भी तेरी चाल अब तक कब थमी है.

bahut sunder najm.

निर्मला कपिला said...

काले बादल हैं मगर सन्नाटा भी पसरी हुई
तू अकेला है उदास, तेरी आंखों में नमी है
बहुत अच्छी लगी कविता। शुभकामनायें।

kshama said...

आज मैं बताऊंगा चांद तुझमें क्या कमी है
देखता हूं पार तेरे गगन में कितनी जमीं है.
Badee anoothee rachana hai!

अशोक कुमार मिश्र said...

बहुत अच्छी रचना लिखी है आपने .,,,,
काले बादल हैं मगर सन्नाटा भी पसरी हुई
तू अकेला है उदास , तेरी आंखों में नमी है...

क्या बात कही है अरविन्द जी .....
धन्यवाद .......

http://nithallekimazlis.blogspot.com/

संजय @ मो सम कौन... said...

वाह अरविन्द जी, चांद को एक अलग ही कोण से देखना पसंद आया।
मस्त अंदाज।

Anonymous said...

वाह अरविन्द जी, एक नया नज़रिया ..बहुत सुन्दर...

मेरे ब्लॉग पर इस बार

उदास हैं हम ....

vijai Rajbali Mathur said...

अरविन्द जी ,
चाँद का अनोखा मूल्यांकन है.

Dr.J.P.Tiwari said...

आज मैं बताऊंगा चांद तुझमें क्या कमी है
देखता हूं पार तेरे गगन में कितनी जमीं है.
वाह !कितनी अच्छी रचना लिखी है आपने..! बहुत ही पसंद आई. इतनी सुन्दर रचना के लिए बहुत = बहुत बधाई।