आंखों में उसकी दिखे सारा जग है.
मेरी मां की सूरत बहुत ही अलग है.
नयनों में है उसकी गंगा की धारा
आंचल से देती वो जग को सहारा.
खुदा तो किसी को नहीं माफ़ करता
ममता की मूरत बहुत ही अलग है.
मेरी मां की सूरत बहुत ही अलग है.
गुरु मांगता शीष चरणों में अपने
पिता कहते पूरे करो मेरे सपने
पूजा मांगता नभ में बैठा विधाता
मां की जरुरत बहुत ही अलग है.
मेरी मां की सूरत बहुत ही अलग है.
वफ़ा करती है मेरी महबूब चंदा
रोटी के लिये है दुनियां में धंधा.
पल में रुलाना खुदा की है आदत
मैया की फ़ितरत बहुत ही अलग है.
मेरी मां की सूरत बहुत ही अलग है.
6 comments:
Maa duniya ka ek ajooba hai!
माँ से जादा सुन्दर और अनोखा , दूजा कौन हो सकता है भला ?
वफ़ा करती है मेरी महबूब चंदा
रोटी के लिये है दुनियां में धंधा.
पल में रुलाना खुदा की है आदत
मैया की फ़ितरत बहुत ही अलग है.
मेरी मां की सूरत बहुत ही अलग है.
...MAA duniya mein sabse pyari surat hai...
Maa ki sundar mamtamayee prastuti ke liye aabhar!
बिन कारण ही जो सदा प्यार करती
ममता का आँचल मेरे सिर पे धरती
खुद दुख सह कर भी हमें दुलराती
उसकी कहानी बहुत ही अलग है
मेरी माँ की सूरत बहुत ही अलग है
बहुत सुन्दर, भावपूर्ण और ममता से भरी रचना लिखा है आपने! माँ से बढ़कर इस दुनिया में और कोई नहीं है! माँ सबसे प्यारी होती है और सबसे अलग! लाजवाब प्रस्तुती!
भावपूर्ण और ममता से भरी रचना
आभार इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिये ।
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