सेक्स
विशाल पेंङ के
मोटे डन्टल के चारो ओर
हरी, परपोषी, अबला
लताओं का चिपक जाना
और धीरे-धीरे
वृक्ष के विशाल रस-भंडार को
चूस लेना.
प्यार
बूढे-घने दरख्तों के बीच
पतले युवा पेंङ का
संकीर्ण खाली जगह से
मूंह निकालकर
सुनहली किरणों को
कामुक होकर छूना.
स्वाभिमान
तना के निचले हिस्से
की झुकी हुई डालियों के
काट दिये जाने के बाद
अपना भविष्य जानते हुए भी
मुख्य सिरा का
उपर आसमान की ओर
बेअटक देखना.
पतन
विशाल पेङ की
खूबसूरत, गगनचुंबी
हरी पत्तियों का
सूखकर रंग बदल जाना
फ़िर कुछ ही देर में
स्वतः गिरकर
उबङ-खाबङ जमीन से
चिपक जाना
विशाल पेंङ के
मोटे डन्टल के चारो ओर
हरी, परपोषी, अबला
लताओं का चिपक जाना
और धीरे-धीरे
वृक्ष के विशाल रस-भंडार को
चूस लेना.
प्यार
बूढे-घने दरख्तों के बीच
पतले युवा पेंङ का
संकीर्ण खाली जगह से
मूंह निकालकर
सुनहली किरणों को
कामुक होकर छूना.
स्वाभिमान
तना के निचले हिस्से
की झुकी हुई डालियों के
काट दिये जाने के बाद
अपना भविष्य जानते हुए भी
मुख्य सिरा का
उपर आसमान की ओर
बेअटक देखना.
पतन
विशाल पेङ की
खूबसूरत, गगनचुंबी
हरी पत्तियों का
सूखकर रंग बदल जाना
फ़िर कुछ ही देर में
स्वतः गिरकर
उबङ-खाबङ जमीन से
चिपक जाना
6 comments:
arvind bahut sahi or saral bhasha m bya kiya aapne....swagat h.....!!
Jai HO mangalmay hO
Sabhee bahut sundar,lekin Patan khaas pasand aa gayee.
नयी परिभाषाये नई कहानिया नए विचार
बढ़िया .................
सार्थक सन्देश दिया है ...बहुत अच्छी प्रस्तुति
मस्त कविता है मित्र
Monday, April 18, 2011
सेक्स,प्यार,स्वाभिमान और पतन
सेक्स
विशाल पेंङ के
मोटे डन्टल के चारो ओर
हरी, परपोषी, अबला
लताओं का चिपक जाना
और धीरे-धीरे
वृक्ष के विशाल रस-भंडार को
चूस लेना.
प्यार
बूढे-घने दरख्तों के बीच
पतले युवा पेंङ का
संकीर्ण खाली जगह से
मूंह निकालकर
सुनहली किरणों को
कामुक होकर छूना.
स्वाभिमान
तना के निचले हिस्से
की झुकी हुई डालियों के
काट दिये जाने के बाद
अपना भविष्य जानते हुए भी
मुख्य सिरा का
उपर आसमान की ओर
बेअटक देखना...
Awesome !
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