आओ खुशियां लेकर चाहे,
या दुखों के काले बादल.
आओ तुफ़ां बनकर जीवन में
या बन जाओ खुशियों के पल.
तुम जो चाहो हम सहमत है,
नव वर्ष तुम्हार स्वागत है।
तुम चाहो तो धावक भी
ठोकर खाकर गिर जाते हैं.
कोई लाख करे कोशिस लेकिन,
तुम्हे रोक ना पाते हैं.
जो भी होता इस जग मे
वह सबकुछ तेरी रहमत है.
नव वर्ष तुम्हार स्वागत है।
हम नहीं जानते हैं तुमको,
न कोई तुम्हें समझ पाया.
तुमने अपनी माया से
ऎसे ऎसे दिन दिखलाया.
छिन्न न होने देंगे क्षण को
इतनी हममे हिम्मत है.
नव वर्ष तुम्हार स्वागत है.
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